मंगलवार, 14 मई 2019

Black Beauty - 11



11. मिसेज़ गॉर्डन बच गईं.

जॉन के मुकाबले डॉक्टर काफ़ी बड़ा था, और वह अच्छा सवार भी नहीं था. मगर मैंने अपनी पूरी कोशिश की. मैं पसीने से भीग गया, और मैं इतना थक गया!
जब हम बर्टविक पार्क पहुँचे तो मैं गिरने को हो रहा था, मगर हम वहाँ बड़ी जल्दी पहुँच गए. मेरे मालिक ने हमारी आहट सुनी और वह दरवाज़े पर आ गया. वह डॉक्टर को फ़ौरन घर के अन्दर ले गया.
नन्हा जो ग्रीन भी दरवाज़े पर ही इंतज़ार कर रहा था. वह मुझे अस्तबल में ले गया. मुझे घर वापस पहुँचने की ख़ुशी हुई. मैं बहुत, बहुत गर्म था, और मेरे पूरे जिस्म से पैरों तक पानी की धाराएँ बह रही थीं. मैं बड़ी दूर तक और बड़ी तेज़ी से सरपट दौड़ा था, और मुझे, जितनी ज़रूरत थी उतनी हवा नहीं मिली थी.
बेचारा जो, वह बहुत छोटा था – उम्र और कद दोनों से, और उसे ज़्यादा कुछ सीखने का वक्त की नहीं मिल पाया था. उसका बाप उसकी मदद कर सकता था, मगर वह बाहर गया था.
जो ने पूरी कोशिश की. उसने मेरी टाँगों और जिस्म के कुछ हिस्सों को मला, मगर उसने मुझ पर मेरा कम्बल नहीं डाला; उसने सोचा कि चूँकि मेरा शरीर इतना गरम है, मुझे यह पसन्द नहीं आयेगा. फिर वह बहुत सारा पानी लाया, मुझे पिलाने के लिए. पानी ठण्डा और बहुत अच्छा था. और मैं पूरा पानी पी गया. इसके बाद उसने मुझे कुछ खाना दिया.
“अब सो जाओ, ब्यूटी,” उसने कहा, और वह चला गया. मगर तभी मेरे पेट में भयानक दर्द उठा.
जब जॉन आया, तब मैं बहुत बीमार था. वह हर्टफोर्ड से पैदल चलकर आया था, मगर घर पहुँचते ही वह मुझे देखने के लिए आया. मैं पीड़ा से फ़र्श पर लोट-पोट हो रहा था, और वह लपक कर मेरे पास आया.
“ओह, मेरे बेचारे ब्यूटी!” उसने कहा, “उन्होंने तुम्हें क्या कर दिया है!”
मैं उसे बता नहीं सकता था कि मैं कैसा हूँ, मगर वह जानता था. उसने मुझ पर दो-तीन कम्बल डाले. फिर वह अपने घर भागा मेरे लिए गर्म पानी लाने और मेरे लिए एक बढ़िया पेय बनाने. वह गुस्से में था.
“बेवकूफ़ छोकरा!” मैंने उसे कहते हुए सुना.”कैसा बेवकूफ़ है! बुखार से तप रहे घोड़े पर एक भी कम्बल नहीं! पीने के लिए ठण्डा पानी! बेचारा ब्यूटी...”
मैं एक हफ़्ते तक बहुत बीमार रहा. जॉन मेरे पास कई-कई घण्टे रहता, और रात को भी दो-तीन बार मुझे देखने आता. ज़मीन्दार गॉर्डन भी हर रोज़ आते.
“बेचारा ब्यूटी,” उसने एक दिन कहा, “मेरा लाजवाब घोड़ा! तूने मेरी बीबी की जान बचाई, ब्यूटी! हाँ, तूने उसे बचाया, मगर हम तुझे करीब-करीब खो ही चुके थे.
मुझे यह सुनकर बहुत ख़ुशी हुई. हम सभी मिसेज़ गॉर्डन को बहुत चाहते थे.
एक बार, जब डॉक्टर व्हाईट बर्टविक पार्क में थे, तो वे भी मुझे देखने आए. उन्होंने मुझे थपथपाते हुए जॉन से कहा, “आज अगर मिसेज़ गॉर्डन ज़िंदा हैं, तो सिर्फ इस वजह से कि यह ख़ूबसूरत घोड़ा मुझे फ़ौरन यहाँ ले आया.
मैंने जॉन को ज़मीन्दार से यह कहते हुए सुना, “जैसी तेज़ी से उस रात ब्लैक ब्यूटी सरपट भाग रहा था, वैसा मैंने आज तक किसी घोड़े को भागते हुए नहीं देखा. आप सोचेंगे, कि उसे मालूम था!”
मगर बेशक, मुझे मालूम था! या, मुझे यह मालूम था, कि मुझे और जॉन को जितना हो सके, तेज़ भागना होगा, क्योंकि यह हमारे प्यारे मालिक की बीबी की ख़ातिर था.
कितनी अजीब बात है, आदमी यह कैसे सोच लेते हैं, कि हम बेवकूफ़ हैं. जितना उन्हें महसूस होता है, हम उससे कहीं ज़्यादा समझते हैं.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.