8.
अग्निकांड
इसके एक घण्टे बाद होटल में एक और मुसाफ़िर घोड़े पर आया. होटल का साईस घोड़े
को अस्तबल में लाया.
बर्टविक पार्क में कोई भी कभी सिगरेट नहीं पीता था, सिगरेट
पीने की सख्त मनाही थी,
क्योंकि यह बहुत ख़तरनाक
था, मगर यह आदमी सिगरेट पी रहा था. अस्तबल के जिस हिस्से
में नया घोड़ा था,
वहाँ कोई खाना नहीं था, इसलिए साईस खाना लेने चला गया. घोड़ों का खाना अस्तबल
की ऊपरी मंज़िल पर था. साईस ऊपर गया,
नीचे लौटकर लापरवाही से
घोड़े के सामने कुछ खाना फेंका और फिर चला गया.
मैं सो गया, मगर
जल्दी ही फिर से जाग गया. मुझे बहुत उदास लग रहा था, मगर
मैं समझ नहीं पा रहा था,
कि मैं क्यों उदास था.
मैंने जिंजर की ओर देखा. वह अपने पैर हिला रहा था और
मैंने सुना कि वह हवा में कुछ सूँघ रहा है. फिर मुझे भी धुँए की बू आई.
जल्दी ही पूरा अस्तबल धुँए से भर गया. मेरे सिर के ऊपर
चटचटाहट की – कुछ जलने की आवाज़ें आ रही थीं. अस्तबल के बाकी घोड़े जाग रहे थे. वे
अपने पैर घुमा रहे थे और धुँए से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे. वे सब आशंका और
दहशत के मारे रो रहे थे,
चीख़ रहे थे, हिनहिना रहे थे.
मैं भी डर रहा था. इससे पहले मैं कभी इतना नहीं डरा था, और इसके बाद भी कभी इतना नहीं डरा!
आख़िरकार होटल का साईस अस्तबल में आया और घोड़ों को बाहर
निकालने की कोशिश करने लगा. मगर,
वह ख़ुद भी डरा हुआ था, और काम को जल्दी से करने की कोशिश कर रहा था. इससे हम
और भी डर गए. दूसरे घोड़े उसके साथ नहीं जा रहे थे, और जब
वह मेरे पास आया तो उसने मुझे जल्दी से खींचने की कोशिश की. वह मुझे खींच रहा था.
मैं उसके साथ नहीं जा सकता था.
हम सब बेवकूफ़ थे – हाँ! मगर, एक तो हम उसे जानते नहीं थे, दूसरे वह ख़ुद भी इतना डरा हुआ था! हम उसके डर को महसूस
कर रहे थे और हमारी हालत और भी ख़राब हो गई.
धुआँ बढ़ता ही जा रहा था. और तब हमने हमारे सिरों के
ऊपर छत से आती हुई आग की फड़फड़ाती हुई लाल रोशनी देखी.
हमने सुना कि बाहर कोई ‘आग’ चिल्लाया और कई सारे लोग अस्तबल के भीतर आ गए.
आग का शोर लगातार बढ़ता ही जा रहा था. और तभी – जेम्स
मेरे सिर के पास था! वह मुझसे हमेशा ही की तरह हौले-हौले बात कर रहा था : ‘आओ,
मेरे प्यारे! हमारे जाने
का वक्त हो गया है. शांत रहो और चले आओ! जल्द ही हम इस धुँए से बाहर निकल
जायेंगे!”
उसने अपने गले का कपड़ा उतारा और मेरे सिर से होते हुए
आँखों पर डाल दिया. अब मैं आग नहीं देख सकता था, और न
ही इतना डर रहा था. जब तक हम अस्तबल के बाहर खुली हवा में आये, वह पूरे वक्त मुझे थपथपाता रहा और एक अच्छे दोस्त की
तरह मुझसे बातें करता रहा.
“अरे कोई है?” जेम्स
ने पुकारा, “इस घोड़े को थामो, और मैं
दूसरे घोड़े के लिए जाऊँगा.”
एक बड़े आदमी ने मुझे थाम लिया, और जेम्स दौड़कर वापस अस्तबल में गया. मैंने उसे जलते
हुए अस्तबल में दौड़कर जाते हुए देखा तो मुझे बहुत दुख हुआ, और मैं चिल्लाने लगा. (जिंजर ने अगले दिन मुझे बताया
कि मेरी चीख़ ने उसे बचाया. क्योंकि उसने मेरी बाहर से आती हुई आवाज़ सुनी, वह कुछ शांत हुआ और जेम्स के साथ बाहर आया.)
मेरे चारों ओर काफ़ी कुछ हो रहा था, मगर मैं पूरे वक्त अस्तबल के दरवाज़े की ओर ही देखता
रहा. अंदर आग और धुँआ था,
और मैं चीज़ों के गिरने
की आवाज़ सुन रहा था.
मेरा मालिक दौड़ता हुआ अस्तबल की ओर आया. “जेम्स! जेम्स
हावर्ड!” उसने पुकारा. “क्या तुम यहाँ हो?” कोई
जवाब नहीं आया,
मगर मैंने अस्तबल के
अंदर बड़ी-बड़ी चीज़ों के गिरने की आवाज़ें सुनीं, और मैं
जेम्स और जिंजर के लिए काफ़ी भयभीत हो गया. मैंने सोचा कि वे अंदर फँस गए हैं.
जेम्स और जिंजर को धुँए से बाहर हमारी ओर आते देखकर मैं कितना ख़ुश हो गया!
“हुर्रे!” ज़मीन्दार चीख़ा, “क्या
तुम्हें चोट आई है,
मेरे बहादुर बच्चे?”
धुँए के कारण जेम्स कुछ बोल न सका, मगर उसने इशारे से दिखाया कि वह ठीक-ठाक है और उसने जिंजर
की गर्दन थपथपाई : वह ख़ुश नज़र आ रहा था!
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